Kshitiz पाठ 8 कन्यादान ऋतुराज

 प्रश्न अभ्यास

1. आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना?

उत्तर

माँ ने ऐसा इसीलिए कहा है क्योंकि वह लड़कियों पर हो रहे शोषण से उसे बचाना चाहती है| कोमलता और शालीनता लड़कियों के गुण होते हैं जिसे माँ बनाकर रखने को कहती है परन्तु साथ ही यह भी कहती है की इतना कमजोर मत बनाना की लोगों का अत्याचार सहन करो चूँकि कमज़ोर लड़कियों का शोषण किया जाता है।

2. 'आग रोटियाँ सेंकने के लिए है।

     जलने के लिए नहीं'

(क) इन पंक्तियों में समाज में स्त्री की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है?

उत्तर

इन पंक्तियों में समाज द्वारा नारियों पर किए गए अत्याचारों की ओर संकेत किया गया है। वह ससुराल में घर-गृहस्थी का काम संभालती है। सबके लिए रोटियाँ पकाती है फिर भी उसे अत्याचार सहना पड़ता है। उसी अग्नि में उसे जला दिया जाता है। नारी का जीवन कष्टों से भरा होता है।

(ख) माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों ज़रूरी समझा?

उत्तर

बेटी अभी सयानी नहीं थी, उसकी उम्र भी कम थी और वह समाज में व्याप्त बुराईयों से अंजान थी। माँ यह नहीं चाहती थी कि उसके साथ जो अन्याय हुए हैं वो सब उसकी बेटी को भी सहना पड़े। इसलिए माँ ने बेटी को सचेत करना ज़रुरी समझा।

3. 'पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की

कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की'

इन पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छवि आपके सामने उभरकर आ रही है उसे शब्दबद्ध कीजिए।

उत्तर

लड़की बहुत भोली-भाली है| माता-पिता के साथ रहकर उसने कभी दुःखों का सामना नहीं किया है| समाज में हो थे घटनाओ से वह अनजान है| उसे लगता है कि उसका आने वाला जीवन भी सुखद सपना ही होगा| आने वाले बाधाओं का उसे ज्ञान नहीं है|

4. माँ को अपनी बेटी 'अंतिम पूँजी' क्यों लग रही थी?

उत्तर

माँ अपने बेटी के सबसे निकट होती है| वह अपने सारे सुख-दुःख अपनी बेटी के साथ बाँटती है| वह उसे एक पूँजी की तरह पालती है और संस्कार देती है| माँ का लगाव बेटी साथ बहुत बढ़ जाता है इसलिए उसे विदा करते समय उसे ऐसा लगता है मानो उसका सब कुछ जा रहा हो| उसे अपनी बेटी इतनी 'अंतिम पूँजी' के समान लगती है|

5. माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी?

उत्तर

माँ ने अपनी बेटी को विदा करते समय निम्नलिखित सीख दी -

• माँ ने बेटी को अपनी सुंदरता पर गर्व न करने की और प्रशंसा पर ना रीझने की सीख दी।

• खुद को भोली और कमज़ोर मत दिखाना नहीं तो लोग नाजायज़ फायदा उठाएँगें|

• वस्त्र और आभूषणों के आकर्षण से दूर रहना|

• अत्याचारों के विरुद्ध आवाज़ उठाना और उनसे दुखी होकर आत्महत्या मत करना|

6. आपकी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना कहाँ तक उचित है?

उत्तर

कन्या के लिए दान शब्द का प्रयोग अनुचित और अपमानजनक है| दान वस्तुओं का होता है व्यक्तियों का नहीं| बेटी के साथ माँ-पिता का अनन्य संबंध होता है| कन्या की अपनी स्वतंत्रता है| शादी के बाद भी उसका जुड़ाव अपने मायके से बना रहता है|

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