RBSE Class 10 English Solutions First Flight Poem 8 The Trees

Topprs
0

 RBSE Class 10 English The Trees Textbook Questions and Answers

Thinking about the Poem

Question 1
(i) Find, in the first stanza, three things that cannot happen in a treeless forest. 
प्रथम पद्यांश में उन तीन चीजों का पता कीजिए जो एक वृक्ष रहित जंगल में घटित नहीं हो सकती। 
Answer:
The following three things cannot happen in a treeless forest. The first thing is this that no bird can sit. The second is that no insect can hide itself in it. The third is that no sun can bury its feet in shadow. 

एक वृक्ष रहित वन में निम्न तीन चीजें नहीं हो सकती हैं। प्रथम चीज यह है कि कोई पक्षी इसमें बैठ नहीं सकता है। दूसरी यह है कि कोई कीट इसमें छिप नहीं सकता है। तीसरी यह अपने पैर छाया में गाड़ नहीं सकता है। 

 

(ii) What picture do these words create in your mind : ".....sun bury its feet in shadow....”? What could the poet mean by the sun's feet'? 
ये शब्द आपके मस्तिष्क में क्या तस्वीर सृजित करते हैं : ..........सूरज अपने पैर छाया में........"? कवयित्री. का सूरज के 'पैरों' से क्या आशय है?  
Answer:
These words create the picture of the sun as a human being in my mind. The sun is in search of shadow but it doesn't find it (shadow) in the treeless forest. The sun's 'feet' means 'sunlight'. 

ये शब्द मेरे मस्तिष्क में सूरज की एक मानव के रूप में तस्वीर सृजित करते हैं। सूरज छाया की तलाश में है किन्तु इसे (सूरज को) यह वृक्षहीन जंगल में नहीं मिलती है। सूरज के 'पैरों' का अर्थ है 'सूरज की रोशनी/किरणें' दे कि कोई रा यह का का लरथ असा  

Question 2. 
(i) Where are the trees in the poem? What do their roots, their leaves, and their twigs do? 
कविता में वृक्ष कहाँ हैं? उनकी जड़ें, उनके पत्ते और उनकी टहनियाँ क्या करते हैं
Answer:
The trees are in the house. Their roots try to free themselves from the cracks of the verandah. Their leaves move towards the glass perhaps in search of light. Their twigs also exert to get some sunlight. 

वृक्ष घर में हैं। उनकी जड़ें बरामदे की दरारों से स्वयं को मुक्त करने का प्रयत्न कर रही हैं। उनके पत्ते शीशे की ओर जा रहे हैं शायद रोशनी की तलाश में। उनकी टहनियाँ सूर्य की किरणें प्राप्त करने को अत्यधिक मेहनत करती हैं। 

 

(ii) What does the poet compare their branches to?
कवयित्री उनकी शाखाओं की तुलना किससे करती है
Answer:
The poet compares their branches to the newly discharged half-dazed patient coming out of the clinic doors. These twigs seem half dazed to a great extent like the newly discharged patients 

कवयित्री उनकी शाखाओं की तुलना अभी-अभी छुट्टी प्राप्त अर्द्ध-भौचक्के मरीज से करती है जो अस्पताल के दरवाजों की ओर बाहर रहा हो ये टहनियाँ बिल्कुल उन हाल ही में डिस्चार्ज हुए मरीजों की तरह है जो काफी हद तक भौंचक्की लगती है। 

Question 3. 
(i) How does the poet describe the moon :
(a) at the beginning of the third stanza, and 
(b) at its end? What causes this change? 
कवयित्री चन्द्रमा का वर्णन कैसे करती है
(a)
तीसरे छंद के आरम्भ में, और 
(b)
इसके अन्त में? यह परिवर्तन किस बात से होता है
Answer:
At the beginning of the third stanza, the poet describes that the whole moon is shining in the sky which is still open. 
At the end of the fourth stanza, the poet describes that the moon is broken like a mirror and its pieces flash now in the crown of the tallest oak. This change is caused by the stumbling of the trees forward into the night. The leaves of the stumbling (shifting) trees cover the moon's parts so it looks broken like a mirror. 

तृतीय छंद के आरम्भ में, कवयित्री वर्णन करती है कि पूरा चन्द्रमा, आकाश में चमक रहा है, जो कि अभी भी खुला है। चतुर्थ छंद के अन्त में, कवयित्री कहती है कि चन्द्रमा अब एक काँच की भाँति टूटा हुआ है और इसके टुकड़े सबसे ऊँचे बलूत वृक्ष के मुकुट को चमका रहे हैं। यह परिवर्तन वृक्षों के रात्रि में आगे की ओर लड़खड़ाते हुए चलने के कारण होता है। लड़खड़ाकर चलते हुए वृक्षों के पत्ते चन्द्रमा के कुछ भाग को ढक लेते हैं जिससे यह काँच की तरह टूटा हुआ दिखता है। 

(ii) What happens to the house when the trees move out of it? 
जब वृक्ष घर से बाहर निकलते हैं तो इसमें क्या होता है
Answer:
Silence spreads in the house when the trees move out of it. There are no whispers of lichens or rustling of leaves. It becomes free from the smell of vegetation. 

जब वृक्ष घर से बाहर निकलते हैं तो इसमें शान्ति फैल जाती है। अब शैवाक की कानाफूसी/फुसफुसाहट या पत्तों की सरसराहट नहीं है। यह वनस्पति की गंध से मुक्त हो जाता है। 

(iii) Why do you think the poet does not mention “the departure of the forest from the house” in her letters? (Could it be that we are often silent about important happenings that are so unexpected that they embarrass us? Think about this again when you answer the next set of questions.) 
आपके विचार में कवयित्री 'घर से जंगल के प्रस्थान का' अपने पत्रों में जिक्र क्यों नहीं करती? (क्या यह ऐसे हो सकता है कि हम महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में अक्सर चुप हो जाते हैं जो कि इतनी अचानक होती हैं कि वे हमें घबरा देती हैं? इस विषय में पुनः विचार करना जब आप अगले प्रश्नों के सेट . का उत्तर दें।
Answer:
In my opinion the poet does not mention the departure of the forest from the house as it will cause a lot of mental stress on her. It is unexpected and sudden, but it is common and known to all.
 
मेरे विचार में कवयित्री घर से पेड़ों के विदा होने का वर्णन नहीं करती है क्योंकि यह उसके लिये बहुत सारा मानसिक तनाव पैदा करेगा। यह अप्रत्याशित तथा आकस्मिक है लेकिन यह सामान्य है तथा इसका सभी  को ज्ञात है। 

 

Question 4. 
Now that you have read the poem in detail, we can begin to ask what the poem might mean. Here are two suggestions. Can you think of others? 
अब जबकि आपने कविता का विस्तार से अध्ययन कर लिया है, हम पूछना आरम्भ कर सकते हैं कि कविता का अर्थ/भाव क्या हो सकता है। यहाँ दो सुझाव दिये गये हैं। क्या आप अन्य सोच सकते हैं

(i) Does the poem present a conflict between man and nature? Compare it with A Tiger in the Zoo. Is the poet suggesting that plants and trees, used for 'interior decoration' in cities while forests are cut down, are imprisoned', and need to 'break out'? 
क्या कविता, मानव प्रकृति के बीच विरोध प्रस्तुत करती है? इसकी तुलना A Tiger in the Zoo से करें। क्या कवयित्री यह सुझाव दे रही है कि वृक्ष पौधे जिनका प्रयोग जंगल काटकर शहरों में घरों को भीतर से सजाने के लिए किया जाना उन्हें 'कैद करना है और उन्हें इस कैद से 'बाहर निकालने' की आवश्यकता है। 
Answer:
Yes, the poem presents a conflict between man and nature. We keep animals in zoos and decorate our houses with plants and trees. On the contrary, we hunt wild animals and cut trees. Both are deprived of their habitatę. 

हाँ, कविता मानव और प्रकृति में विरोधाभास प्रस्तुत करती है। हम जानवरों को चिड़ियाघ और अपने घरों को पेड़-पौधों से सजाते हैं। इसके विपरीत हम पेड़ों को काटते हैं और जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। दोनों ही अपने प्राकृतिक आवास से वंचित हैं। 

(ii) On the other hand, Adrienne Rich has been known to use trees as a metaphor for human beings; this is a recurrent image in her poetry. What new meanings emerge from the poem if you take its trees to be symbolic of this particular meaning?
 
दूसरी ओर एड्रिएन रिच वृक्षों को मानव के प्रतिरूप में प्रयोग करने के लिए जानी जाती हैं। यह अक्सर बार-बार उनकी कविताओं में झलकता है। यदि वृक्षों को इस विशेष अर्थ के सांकेतिक रूप में लेते हैं तो कविता के क्या नए अर्थ निकलते हैं
Answer:
If we consider trees to be symbolic of human being, new meanings emerge from the poem. Imprisoned in social bindings, duties, obligations and restrains man feels restless and suffocated. He wants to break all these shackles and live and enjoy life like a free bird. 

यदि हम वृक्षों को मानव के सांकेतिक रूप में लें तो कविता से नये अर्थ निकलते हैं। सामाजिक बन्धनों, कार्यों, कर्तव्यों और बाध्यताओं में कैद होकर मानव बेचैन घुटन महसूस करता है। वह ये सभी बेड़ियाँ तोड़ डालना चाहता है और एक स्वच्छन्द पक्षी की भाँति जीवन जीना उसका आनन्द लेना चाहता है। 

 

Question 5.
You may read the poem 'On Killing a Tree' by Gieve Patel (Beehive Textbook in English for Class IX, NCERT). Compare and contrast it with the poem you have just read. 
आप गीव पटेल द्वारा लिखित कविता 'On Killing A Tree' पढ़ें (जो NCERT की नवीं कक्षा की अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक Beehive में है) इस कविता की तथा जो आपने अभी कविता पढ़ी है, की तुलना कीजिए। 
Answer:
In the poem On Killing A Tree' the tree doesn't die by hacking or chopping or jabbing it. It sprouts and expands again if left unchecked. In the present poem “The Trees they are shown weak due to long imprisonment in the house. They are like newly discharged half-dazed patient. In both the poems the surviving instinct of trees is highlighted. 

कविता 'On Killing A Tree' में वृक्ष, काटने से या वार करने से या झोंकने से नहीं मरता है। यह पुनः फूट आता है और फैल जाता है यदि इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। वर्तमान कविता 'The Trees' में उन्हें घर में लम्बी कैद के कारण कमजोर दिखाया गया है। वे ऐसे हैं जैसे अस्पताल से अभी-अभी छुट्टी प्राप्त अर्द्ध-भौचक्का मरीज। दोनों कविताओं में वृक्षों की जीने की प्रवृत्ति को प्रकाशित किया गया है। 

RBSE Class 10 English The Trees Important Questions and Answers

Answer the following questions in about 20 words only. 

Question 1. 
What do you mean by “The trees inside are moving out..."? 
"
अन्दर के वृक्ष हट रहे हैं" इससे आपका क्या अभिप्राय है
Answer:
This line tells us about the cutting of trees from the forests. Man cut trees for their selfish ends and use them for their daily use. 

यह पंक्ति हमें जंगलों से पेड़ों के काटे जाने के बारे में बताती है। मानव इन्हें अपने स्वार्थपूर्ण उद्देश्यों हेतु काटकर उनका दैनिक जीवन में उपयोग कर रहा है। 

Question 2. 
Why are the birds, insects and sun affected by the absence of the trees? 
पक्षी, कीट, सूर्य वृक्षों की अनुपस्थिति से कैसे प्रभावित हैं
Answer:
Birds have no place to sit. Insects cannot find any place to hide and there is no shadow in the forest by sunlight. 

पक्षियों के पास बैठने के लिए स्थान नहीं है। कीट पतंगों को छिपने के लिए स्थान नहीं मिलता है और सूर्य की रोशनी के कारण जंगल में छाया नहीं हो पा रही है। 

 

Question 3.
How do you find the comparison of the poet with the discharged patients and movements of liberated tree? 
आप कवि को अस्पताल से मुक्त रोगी और स्वतंत्र हुए वृक्ष की हलचल को किस प्रकार का पाते हैं
Answer:
This comparison of poet is appropriate. Both the tree and the patients are in similar condition. Due to weakness patient walks unsteadily the same is with tree. 

कवि की यह तुलना पर्याप्त है। वृक्ष और रोगी एक ही दशा में हैं कमजोरी के कारण रोगी अस्थिरता से चलता है और ऐसा ही वृक्ष के साथ है। 

Question 4.
What is the central idea of the poem “The Trees”?
“The Trees”
नामक कविता का केन्द्रीय भाव क्या है
Answer:
The poem tells us about the conflict between man and nature. Man has brought trees to decorate their houses, trees inside. 
कविता हमें प्रकृति और मानव के संघर्ष के बारे में बताती है। आदमी वृक्षों को अपने घरों को सजाने के लिए अन्दर ले गया है। 

Question 5. 
Why the boughs are shuffling under the roof? 
लताएँ घरों की छत के नीचे रगड़ क्यों खा रही हैं
Answer:
The boughs are shuffling under the roof due to lack of space. Those are squeezed and tired of one position. So they change the position. 

लताएँ घरों की छत के नीचे जगह के अभाव में रगड़ खा रही हैं। वे भिंच गई हैं और एक ही स्थिति से थक गई हैं। अतः वे अपनी स्थिति को बदलती हैं। 

Question 6. 
What are the whispers that full the head of poet? 
कवि का सिर किन फुसफुसाहटों से भर गया है
Answer:
There are whispers of breaking of glass, stumbling of the trees moving forward into the night, rushing of winds, and breaking of the moon into pieces, filled poet's head. 

शीशे के टूटने, रात में वृक्षों का लड़खड़ाकर चलना, हवा का बहना, और चाँद का टुकड़ों में टूट जाने की फुसफुसाहटों से कवि का सिर भर गया है। 

Question 7. 
What is the message of the poem, “The Trees"? 
“Trees"
कविता का सन्देश क्या है
Answer:
The poem inspires man to give up selfishness and encourages him to turn to sublimity. Man uses trees for their selfish ends. . 

कविता मानव को स्वार्थभाव त्यागने की प्रेरणा देती है और उसे परमार्थ की ओर प्रवृत्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है। मानव ने वृक्षों का उपयोग उनके स्वार्थपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया है। 

Question 8. 
While writing long letters what does the poet feel about the night and the nature? 
लम्बे पत्र लिखते समय कवि रात्रि प्रकृति के बारे में कैसा महसूस करता है
Answer:
The Poet feels that the night is fresh. Full moon shines. The smell of leaves and lichen still reaches into the rooms like a voice. 

कवि महसूस करता है कि रात्रि सुहावनी है। पूर्ण चन्द्रमा चमकता है। पत्तों एवं शैवाल की गंध आवाज की भांति कमरों में पहुँच रही है। 

Question 9.
What is the poet doing inside the room?
कवि कमरे के अन्दर क्या कर रहा है
Answer:
The poet is writing letters when he is sitting inside. She feels embarrassed at the departure of the forest. 
कवि अन्दर बैठा हुआ पत्र लिख रहा है। वह जंगल के प्रस्थान करने पर घबराहट महसूस करता है। 

The Trees Summary and Translation in Hindi

क्या बिना वृक्ष के कोई वन हो सकता है? इस कविता में वृक्ष कहाँ है और वे कहाँ जाते हैं
 
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद

The trees inside........................................trees by morning. (Page 99)

कठिन शब्दार्थ - insect (इन्सेक्ट) = कीट। bury (बेरि) = गाड़ना। 

हिन्दी अनुवाद - कवयित्री कहती है कि वे वृक्ष जो (अभी तक घर के) अन्दर थे अब बाहर जंगलों में जा रहे हैं। यह जंगल इतने दिनों से खाली था। जहाँ कोई पक्षी नहीं बैठ सकता था। कोई कीट नहीं छिप सकता था। कोई सूरज अपने किरण रूपी पैर छाँव में नहीं गाड़ (रख) सकता था। यह जंगल जो इतनी रातों से खाली था, प्रात:काल तक वृक्षों से भर जायेगा। 

भावार्थ - कवयित्री उन लोगों पर व्यंग कसती है जो कि वृक्षों का प्रयोग घरों को सजाने के लिए करते हैं जबकि वृक्षों को इस कैद से बाहर निकालने की आवश्यकता है। 



All night the ............... the clinic doors. (Page 99) 

कठिन शब्दार्थ : disengage (डिसइन्गेज्) = काम से मुक्त करना। cracks (क्रैक्स) = दरारें। veranda (वरैन्डा) = बरामदा। strain (स्ट्रेन्) = झुकना (यहाँ) glass (ग्लास्) = शीशा। twigs (ट्विग्ज) = छोटी टहनियाँ stiff (स्टिफ्) = सख्त/सीधी। exertion (इग्जश्न्) = अत्यधिक कार्य करने से/उद्यम से। long-cramped (लॉङ्-क्रैम्प्ट) = लम्बी मुड़ी हुई। boughs (बाउज) = शाखा/डाल। shuffling (शक्लिङ्) = अदल-बदल/बार-बार हिलने से रगड़ खाना (यहाँ) discharged (डिस्चाज्ड) = छुट्टी प्राप्त। half-dazed (हाफ्-डेज्ड्) = आधा भौचक्का। 

हिन्दी अनुवाद - पूरी रात जड़ें अपने आपको बरामदे के फर्श की दरारों से मुक्त कराने का प्रयत्न करती रहीं। पत्ते, शीशे की ओर झुकते हैं। छोटी टहनियाँ अत्यधिक मेहनत के कारण सख्त या सीधी हो जाती हैं। लम्बी, मुड़ी हुई शाखाएँ बार-बार हिलने से छत के नीचे रगड़ खाकर ऐसी हो गई हैं जैसे अभी-अभी अस्पताल से छुट्टी प्राप्त मरीज आधा-भौचक्का हो अस्पताल के दरवाजों की ओर चलने लगता है। 

भावार्थ - कवयित्री यह बताना चाहती है कि किस प्रकार से पेड़-पौधे अपने प्राकृतिक आवास की ओर बढ़ने के लिए प्रयास करते हैं। प्रकृति को मानव की दखलंदाजी पसन्द नहीं है। नोट- इस कविता में कवयित्री (Poetess) Adrienne Rich को पाठ्यपुस्तक में 'poet' कहकर संबोधित  किया गया है। अतः अंग्रेजी में 'poet' तथा हिन्दी में 'कवयित्री' शब्द का प्रयोग किया गया है। 

sit inside.......into the rooms. (Page 99)

कठिन शब्दार्थ : scarcely (स्केअस्लि) = मुश्किल से ही। lichen (लाइकन/लिचन्) = शैवाक। 

हिन्दी अनवाद - मैं अन्दर बैठी हूँ, दरवाजे बरामदे में खले हैं, और मैं लम्बे पत्र लिख रही हैं जिनमें मैं शायद ही (मुश्किल से ही) अपने घर से जंगल के प्रस्थान का जिक्र करती हूँ। रात्रि ताजी है, पूरा चन्द्रमा आकाश में अभी भी खुला चमक रहा है। पत्तों और शैवाक की गंध कमरों में एक आवाज की भाँति पहुँच रही है। 

भावार्थ - कवयित्री रात्रि में भी ताजगी का एहसास घर के अन्दर बैठे-बैठे भी करती है। वह पत्र रूपी जागरण से लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है। 

is full......................the tallest oak. (Page 100)

कठिन शब्दार्थ : whispers (विस्प()) = कानाफूसी। stumbling (स्टब्लिङ्) = लड़खड़ाते 

हिन्दी अनुवाद - मेरा मस्तिष्क कानाफूसियों से भरा है जो कल शान्त हो जायेंगी। सुनो काँच टूट रहा है। वृक्ष रात्रि में लड़खड़ाते हुए आगे की ओर जा रहे हैं। पवनें उनसे मिलने के लिए तेजी से चलने लगती हैं चन्द्रमा, काँच की तरह टूट गया है, इसके टुकड़े अब सबसे ऊँचे बलूत वृक्ष के मुकुट में चमक रहे हैं। 

भावार्थ - शैवाक की फुसफुसाहट पत्तों की सरसराहट कवयित्री के मस्तिष्क में है जो कल नहीं रहेगी क्योंकि रात्रि में वृक्ष जंगल में चले जायेंगे। जब वृक्ष जंगल की ओर जा रहे होते हैं और पवन चल रही होती है पत्ते हिल रहे होते हैं तो पत्तों के बीच से चन्द्रमा कांच की तरह टूटा हुआ दिखाई देता है और ऊँचे बलूत के वृक्ष पर तो ऐसे दिखता है जैसे मुकुट में इसके टुकड़े चमक रहे हों। 

कवयित्री के विषय में - एड्रिएन रिच का जन्म बाल्टिमोर, मैरिलैंड, यू.एस.. में 1929 में हुआ था। वह काव्य की लगभग 20 पुस्तकों की लेखिका हैं, और उन्हें नारीवादी उग्र सुधारवादी कवयित्री कहा गया है। 

सभी प्रकार के नोट्स TOPPRS.IN पर FREE उपलब्ध है !

Post a Comment

0Comments

Either way the teacher or student will get the solution to the problem within 24 hours.

Post a Comment (0)
close