NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Chapter 2 Fire and Ice (poem)

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 RBSE Class 10 English Fire and Ice Textbook Questions and Answers

Thinking about the Poem 

Question 1. 
There are many ideas about how the world will 'end'. Do you think the world will end some day? Have you ever thought what would happen if the sun got so hot that it 'burst', or grew colder and colder? 
बहुत से विचार है कि संसार का 'अन्त' कैसे होगा। क्या आप सोचते हैं कि संसार का किसी दिन अन्त होगा? क्या आपने कभी सोचा है कि यदि सूर्य इतना गर्म हो जाए कि 'फट जाए' या ठंडे से ठंडा होता जाए तो क्या होगा
Answer: 
Yes, I think the world would end some day. If the sun got so hot that it burst, there would be no sun and no vegetation, no oxygen and no life. If the sun grew colder and colder, the life on earth would end. 

हाँ, मैं सोचता हूँ कि विश्व का किसी दिन अन्त हो जायेगा। यदि सूर्य इतना गरम हो जाए कि यह फट जाए तो, सूर्य होगा, वनस्पति, ऑक्सीजन और जीवन। यदि सूर्य ठंडा ठंडा होता जाए तब भी पृथ्वी पर जीवन का अन्त हो जायेगा। 

 

Question 2. 
For Frost, what do fire' and 'ice' stand for? Here are some ideas : 
फ्रॉस्ट के लिए 'अग्नि' 'बर्फ' किसका प्रतिनिधित्व करती हैं? यहाँ कुछ संकेत दिये गये हैं 
greed (
लालच)  avarice (लोभ
cruelty (
निर्दयता)  lust (लोलुपता
conflict (
विरोध)  fury (क्रोध
intolerance (
असहनशीलता)  rigidity (कठोरता
insensitivity (
असंवेदनशीलता)  coldness (ठंडापन
indifference (
उदासीनता)  hatred (घृणा
Answer: 
For Frost, fire stands for desire, greed, avarice, lust etc. The more we try to satisfy them, the more they grow. For frost, ice stands for hatred, coldness, indifference, insensitivity, rigidity etc. Hatred leads to intolerance, fury, conflict and cruelty. Thus, fire and ice both bring destruction.
 
फ्रॉस्ट के लिए, अग्नि तृष्णा, लालच, लोभ लोलुपता का प्रतिनिधित्व करती है। जितना उनको तुष्ट करते हैं उतनी ही वे बढ़ जाती हैं। फ्रॉस्ट के लिए बर्फ घृणा, ठंडापन, उदासीनता, असंवेदनशीलता, कठोरता आदि का प्रतिनिधित्व करती है। घृणा, असहिष्णुता, क्रोध, विरोध निर्दयता की ओर ले जाती है। इस प्रकार अग्नि बर्फ दोनों ही विनाश लाते हैं। 

 

Question 3. 
What is the rhyme scheme of the poem? How does it help in bringing out the contrasting ideas in the poem? 
कविता की तुकांत योजना क्या है? यह कविता में विरोधी भाव कैसे उजागर करती है
Answer: 
The rhyme scheme of the poem in the first stanza is a ba a and in the second stanza it is a b a b a. 
The lines with the same rhyme have similar thoughts but those with different rhyme have contrasting ideas. In the first stanza, 1st, 3rd & 4th lines end with the words fire, - desire, fire similar thoughts but the second line ends with the word "ice' a different rhyme and contrasting idea. 

कविता के प्रथम छंद की तुकान्त योजना a baa है दूसरे छंद की a ba ba है। 
पंक्तियाँ समान तकांत की हैं उनके विचार भी समान हैं किन्तु जो भिन्न तुकांत की हैं उनके विचार भी विरोधाभासी हैं। प्रथम छंद की पहली, तीसरी चौथी पंक्तियाँ fire, desire a fire शब्द से अन्त होती हैं - अतः इनके विचार भी. समान हैं किन्तु दूसरी पंक्ति ice' शब्द से खत्म होती है - एक भिन्न तुकान्त से भिन्न विचार से। 

RBSE Class 10 English Fire and Ice Important Questions and Answers

Answer the following questions in about 20 words only. 

Question 1. 
What are the opinions about the end of the world? 
विश्व के नष्ट होने के बारे में क्या राय है
Answer: 
There are opinions that the world will end by fire. The others say that the world will end by ice. 

विश्व का अन्त आग से होने की राय है। अन्य का कहना है कि विश्व का अन्त बर्फ से होगा। 

 

Question 2. 
What are the views of Poet about desire? 
कवि का इच्छा, लोभ के बारे में क्या विचार है
Answer:
Poet says that he had known a lot about desires. The world is full of disire, greed, lust and avarice which are unending.
 
कवि कहता है कि उसने इच्छाओं के बारे में बहुत अधिक जाना है। यह विश्व इच्छाओं, लालच, लोलुपता, लोभ, वासनाओं से भरा है जो कि अनन्त है। 

Question 3. 
What do fire and ice indicate in the poem? 
कविता में अग्नि और बर्फ किसको इंगित करती है
Answer: 
The fire indicates the unending desires of man. The ice indicates hatred which spreads rapidly in mankind. These indicate towards the evils of society. 

अग्नि मानव की अनन्त इच्छाओं को बताती है। बर्फ घृणा की ओर इंगित करती है जो मानव जाति में तेजी से फैलती है। यह समाज की दो बुराइयों की ओर इशारा करती है। 

Question 4. 
What is the central idea of the poem “Fire and Ice”? 
"Fire and Ice”
कविता का केन्द्रीय भाव क्या है
Answer:
The poem tells us about the unending desires and the endless hatred. These are there in the heart and mind of the man. Desire is like fire and hate is like ice. 

कविता हमें अनन्त इच्छाओं और अनन्त घृणा के बारे में बताती है। यह मानव के हृदय और मस्तिष्क में विद्यमान है। इच्छा आग की तरह है और घृणा बर्फ की तरह है। 

 

Question 5. 
Why does the poet favour those people who claims that fire will be the cause of destruction of the world? 
कवि उन लोगों का पक्ष क्यों लेता है जो यह दावा करते हैं कि अग्नि ही विश्व के विनाश का कारण होगा
Answer: 
The poet tells us that endless desires, lust are just like fire. Desires cause evil in human mind which ultimately leads us towards destruction.
 
कवि हमें यह कहता है कि अनन्त इच्छाएँ, वासनाएँ अग्नि की तरह हैं। मानव मन की इच्छाएँ अन्ततः हमें विनाश की ओर ले जाती हैं। 

Question 6. 
What type of life does a man lead according to the poem? 
कविता के अनुसार मानव को किस प्रकार का जीवन जीना चाहिए
Answer: 
A man should lead a life where hate and desire has no place. These are the root cause of evils so a satisfied life is the only solution. 

एक आदमी वह जीवन जीये जहाँ पर घृणा और इच्छा का कोई भी स्थान नहीं हो। बुराइयों का यही मूल कारण है अतः संतुष्टिपूर्ण जीवन ही एकमात्र हल है। 

Question 7. 
What do you think about the end of the world? Do you agree with the view of the poet? 
आप इस संसार के अन्त के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप कवि के विचार से सहमत हैं
Answer: 
I agree with the view of the poet. The unending lust and desires will be the cause of hatred. Hate among one another will be the cause of end of the world. 

मैं कवि के विचार से सहमत हूँ। अनन्त इच्छाएँ और वासना घृणा का कारण होंगी। प्रत्येक की घृणा ही संसार के अन्त का कारण होगी। 

 

Question 8. 
What is the experience of poet about this world? 
कवि का इस संसार के बारे में क्या अनुभव है
Answer: 
Poet has experienced that the desires will be the cause of evil and destruction of this world. Hate develops enmity among humans.
 
कवि का यह अनुभव है कि इच्छाएँ ही बुराइयों का कारण होंगी एवं विश्व का विनाश करेंगी। घृणा मानव के मध्य दुश्मनी को विकसित करेगी। 

(Extracts for Comprehension and Appreciation)

Read the extracts given below and answer the questions that follow. 

Extract-1 

Some say the world will end in fire 
Some say in ice. 
From what I've tasted of desire 
I hold with those who favour fire. 

Question 1. 
What are the two opinions about the end of the world? 
संसार की समाप्ति के बारे में दो राय क्या हैं
Answer:
The two opinions about the end of the world are that the world will end either by fire or by ice. Fire is desire and ice is hate.
संसार के अन्त के बारे में दो राय यह है कि यह संसार या तो अग्नि या बर्फ से नष्ट होगा। अग्नि इच्छा है और बर्फ घृणा है। 

 

Question 2. 
With what opinion does the poet go? Why? 
कवि किस राय के साथ सहमत है? क्यों
Answer:
Poet favours that the world will end by fire. He says so because desire is the root cause of all evils that takes to end. 

कवि पक्ष लेता है कि संसार का अन्त अग्नि के द्वारा होगा। वह ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि इच्छा बुराइयों का मूल कारण है जो हमें अन्त तक ले जाती है। 

Extract - 2.

But if it had to perish twice, 
I think I know enough of hate 
To say that for destruction ice 
Is also grest 
And would suffice. 

Question 1. 
What does the poet know? 
कवि क्या जानता है
Answer:
The poet knows a lot about hate. He knows that it spreads quickly and is the only cause of the end of the world. 

कवि घृणा के बारे में बहत जानता है। वह यह जानता है कि यह तेजी से फैलेगी और विश्व के नाश का एकमात्र कारण है। 

Question 2.
Why ice will be the cause of destruction of the world? 
बर्फ विश्व के विनाश का कारण क्यों होगा
Answer:
Ice is like hate. Hate causes all types of vices among mankind. Hate will lead human beings towards destruction and end of the world as well mankind.

बर्फ घृणा की तरह है। घृणा सभी प्रकार के दुर्गुण मानव जाति में उत्पन्न करने का कारण है। घृणा मानव एवं विश्व को अन्त की ओर ले जाएगी। 

Fire and Ice Summary and Translation in Hindi


कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद

Some say the........................................who favour fire. (Page 15) 

कठिन शब्दार्थ-end (एन्ड्) = अन्त होना। tasted (टेस्टड) = स्वाद चखा। desire (डिजाइअ()) = तृष्णा hold (होल्ड) = समर्थन करना। favour (फेव()) = पक्ष लेना। 

हिन्दी अनुवाद-(कवि कहता है कि) कुछ लोग कहते हैं कि विश्व का अन्त अग्नि (तृष्णाओं) से होगा जबकि कुछ अन्य कहते हैं कि इसका अन्त बर्फ (घृणा) से होगा। चूँकि मैंने तृष्णाओं का स्वाद चख लिया है इसलिए मैं उनका समर्थन करता हूँ जो अग्नि द्वारा विश्व के अन्त के पक्षधर हैं। 

भावार्थ-तृष्णाओं का कभी अन्त नहीं होता है। घृणा का फिर भी अन्त हो सकता है। 

 

But if it.........................would suffice. (Page 15) 

कठिन शब्दार्थ : perish (पेरिश्) = नष्ट होना। twice (ट्वाइस्) = दो बार। enough (इनफ्) = पर्याप्त hate (हेट्) = घृणा। destruction (डिस्ट्रक्श्न् ) = विनाश suffice (सफाइस्) = पर्याप्त। 

हिन्दी अनुवाद-(कवि कहता है कि) लेकिन यदि संसार को दो बार नष्ट होना पड़े तो मैं सोचता हूँ कि मैं घृणा को पर्याप्त रूप से जानता हूँ इसलिए कह सकता हूँ कि विनाश के लिए बर्फ भी महत्त्वपूर्ण है और पर्याप्त रहेगी। 

भावार्थ-विश्व में बर्फ की तरह घृणा भी पर्याप्त है। इससे भी विश्व का अन्त हो सकता है। 

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