Class 8 Hindi Grammar शब्द विचार

Topprs
0

 निश्चित अर्थ को प्रकट करने वाले समूह को शब्द कहते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि शब्द ध्वनियों (वर्षों से) बनते हैं।

प्रत्येक शब्द का कुछ न कुछ अर्थ अवश्य होता है।
शब्दों का वर्गीकरण पाँच आधारों पर किया जाता है।
1. स्रोत या उत्पत्ति के आधार पर
2. रचना के आधार पर
3. प्रयोग के आधार पर
4. अर्थ के आधार पर
5. विकार के आधार पर

1. स्रोत या उत्पत्ति के आधार पर
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों को चार भागों में बाँट सकते हैं
(i) तत्सम
(ii) तद्भव
(iii) देशज
(iv) विदेशी

(i) तत्सम शब्द  तत्सम शब्द तत् + सम शब्द से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है उसके तथा सम का अर्थ है समान यानी उसके समान। संस्कृत के वे शब्द, जो हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग में लाए जाते हैं, वे तत्सम शब्द कहलाते हैं; जैसे दुग्ध, रात्रि, जल, कवि, गुरु, फल आदि।

(ii) तद्भव शब्द  ‘तद् + भवयानी उससे (संस्कृत से) पैदा हुए। ये सभी शब्द संस्कृत शब्दों से विकसित हुए हैं; जैसे- दुग्ध से दूध, अग्नि से आग, सर्प से साँप, पत्र से पत्ता।

(iii) देशज शब्द  जो शब्द देश में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की आम बोलचाल की भाषा से हिंदी में आए हैं; वे देशज शब्द कहलाते हैं; जैसे- पगड़ी, थैला, डिबिया आदि।

(iv) विदेशी शब्द  विदेशी भाषाओं से लिए गए शब्द विदेशी शब्द कहलाते हैं। हिंदी में अंग्रेजी, तुर्की, फारसी, अरबी, पुर्तगाली, आदि भाषाओं के शब्द प्रयोग हो रहे हैं। जैसे

अंग्रेज़ी  स्कूल, टेलीफोन, कार, रेडियो, पेन, स्टेशन, सिनेमा, पैंट, कोट, डॉक्टर आदि।
तुर्की  कैंची, चाकू, तोप, कुरता, लाश आदि।
फ़ारसी  फौज, कागज, हजार, दुकान आदि।
अरबी  आदमी, औरत, किताब, मकान आदि।

कुछ अन्य तत्सम तद्भव शब्द

तत्सम 

तद्भव

सर्प
अर्ध
चंद्र
कपोत
मुख
नव
वधू
ग्राम
उलूक
दंत
अग्नि
पक्षी
हस्त
कर्म
कृषक
कुपुत्र
उज्ज्वल
कर्म
गृह
हास
शिक्षा

साँप
आधा
चाँद
कबूतर
मुँह
नया
बहू
गाँव
उल्लू
दाँत
आग
पंछी
हाथ
काम
किसान
कपूत
उजाला
काम
घर
हँसी
सीख

2. रचना के आधार पर शब्द के भेद
रचना या बनावट के आधार पर शब्दों के तीन भेद होते हैं
(i) रूढ़ शब्द
(ii) यौगिक शब्द
(iii) योगरूढ़ शब्द

(i) रूढ़ शब्द  जो शब्द किसी अन्य शब्द के मेल से न बने हों और उनका खंड करने पर खंडों का कोई अर्थ न निकलता हो, वे रूढ़ शब्द कहलाते हैं; जैसे, दाल, घर, जल आदि।

(ii) यौगिक शब्द  योग का अर्थ है- ‘जुड़ना’, जो शब्द दो या अधिक शब्दों के मेल से बने होते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। इन शब्दों में एक रूढ़ शब्द होता है तथा उसके अतिरिक्त एक अन्य शब्द या शब्दांश होता है। जैसे-

· अनपढ़-अन उपसर्ग पढ़ शब्द

· गुणवान-गुण शब्द वान प्रत्यय
यौगिक शब्दों की रचना उपसर्ग, प्रत्यय तथा समाज के द्वारा होती है।

(iii) योगरूढ़  कुछ यौगिक शब्द ऐसे होते हैं जिसका अर्थ रूढ़ हो गया है तथा वे व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष के लिए प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं।
जैसे-चारपाई – चार + पाई यानी चार पाँव वाली खाट। अतः यह शब्द योगरूढ़ है।
पंकज  पंक (कीचड़) अज (जन्मा) यानी कमलजिसका जन्म कीचड़ से हुआ है। अतः यह योगरूढ़ शब्द है।

3. प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद
जब हम अपने विचार बोलकर या लिखकर प्रकट करते हैं तो शब्दों को कभी-कभी ज्यों का त्यों प्रयोग करते हैं, कभी-कभी कुछ बदलकर। कुछ शब्द लिंग, काले तथा वचन से प्रभावित होते हैं तो कुछ नहीं।
इसी आधार पर शब्दों के दो भेद होते हैं
(i) विकारी शब्द
(ii) अविकारी शब्द

(i) विकारी शब्द  लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष के आधार पर जिन शब्दों का रूप बदल जाता है या जिनमें विकार आ जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं; जैसे

· लड़की खेलती है।

· लड़कियाँ खेलती हैं।
ऊपर दिए गए वाक्यों में लड़कीका रूप बदलकर क्रमशः लड़कियाँ हो गया है। अतः यह विकारी शब्द है।

(ii) अविकारी शब्द  लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के आधार पर जिन शब्दों के रूप नहीं बदलते यानी जिनमें कोई परिवर्तन नहीं आता, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। क्रियाविशेषण, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक तथा संबंधबोधक अविकारी शब्द होते हैं; जैसे
क्रियाविशेषण  ऊपर, वहाँ, कल, तेज़ आदि।
समुच्चयबोधक  और, तथा, इसलिए, कि आदि।
विस्मयादिबोधक  ओह! हाय! शाबाश! आदि।
संबंधबोधक  के नीचे, के बिना आदि।

4. अर्थ के आधार पर शब्द भेद
अर्थ की विविधता के आधार पर शब्दों के 6 भेद हैं|
(i) एकार्थी शब्द
(ii) अनेकार्थी शब्द
(iii) पर्यायवाची शब्द
(iv) विलोम शब्द
(v) श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द
(vi) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

(i) एकार्थी शब्द  जिन शब्दों का केवल एक ही अर्थ होता है, उन्हें एकार्थक शब्द कहते हैं। मित्र, पहाड़, नदी आदि।

(ii) अनेकार्थक शब्द  जो शब्द एक से अधिक अर्थ देते हैं, वे अनेकार्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे-पत्र-पत्ता, चिट्ठी भेद-रहस्य, प्रकार घट-घड़ा, शरीर

(iii) पर्यायवाची शब्द  समान अर्थ बताने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं; जैसे
दिवस – वासर, वार, दिन, अन आदि।
तन – काया, शरीर, वपु, बदने, गात आदि।

(iv) विलोम शब्द  जो शब्द एक-दूसरे का विपरीत अर्थ प्रकट करते हैं, उन्हें विलोम शब्द कहते हैं।
जैसे  आय x व्यय
वरदान x अभिशाप
एकता x अनेकता

(v) श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द  जो शब्द सुनने में एक जैसे लगते हैं परंतु भिन्न अर्थ देते हैं और वर्तनी में भी सूक्ष्म अंतर होता है, वे श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे अवधि-समय, सीमा, अवधी-भाषा का नाम
अन्न – अनाज
अन्य – दूसरा

(vi) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द  जिन शब्दों का प्रयोग वाक्यांश अथवा अनेक शब्दों के स्थान पर किया जाता है, वे वाक्यांश के लिए एक शब्द अथवा अनेक शब्दों के लिए एक शब्द कहलाते हैं।  जैसे

· भगवान विष्णु का उपासक वैष्णव

· जिसे कभी बुढ़ापा न आए अजर

5. विकार अथवा व्याकरण के आधार पर शब्द भेद
व्याकरण की दृष्टि से भाषा में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों के दो भेद होते हैं
(i) विकारी शब्द
(ii) अविकारी शब्द

(i) विकारी शब्द  विकार या परिवर्तन/जो शब्द वाक्य में प्रयोग किए जाने पर लिंग, वचन, कारक, काल के कारण अपना रूप बदल लेते हैं, वे विकारी शब्द कहलाते हैं।
इसके चार भेद हैं-

· सर्वनाम

· विशेषण

· संज्ञा

· क्रिया

प्रयोग के आधार पर इनका रूप बदल जाता है; जैसे
संज्ञा  बच्चा, बच्चे, बच्चों आदि।
सर्वनाम  वह, वे, उनका, उन्होंने आदि।
विशेषण  मोटा-मोटी, ऊँची-ऊँची आदि।
क्रिया  आता है, आते हैं, आएँगे, आए थे आदि।

(ii) अविकारी शब्द  + विकार यानी जिसमें परिवर्तन न हो जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। इसके भी चार भेद होते हैं

· संबंधबोधक

· क्रियाविशेषण

· समुच्चयबोधक

· विस्मयादिबोधक

क्रियाविशेषण  धीरे-धीरे, बाहर, जल्दी आदि।
संबंधबोधक  से पहले, के बाद, के साथ आदि।
समुच्चयबोधक  किंतु, परंतु अथवा आदि।
विस्मयादिबोधक  अरे ! ओह ! वाह ! क्या! आदि।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. वर्गों का सार्थक समूह कहलाता है
(i) वर्ण
(ii) शब्द
(iii) वाक्य
(iv) वर्णमाला

2. व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द होते हैं
(i) चार प्रकार के
(ii) दो प्रकार के
(iii) तीन प्रकार के
(iv) पाँच प्रकार के

3. सार्थक शब्द का उदाहरण है
(i) सुंदरता
(ii) पचम
(iii) मकच
(iv) कलज

4. इनमें से कौन-सा शब्द निरर्थक है?
(i) भाई
(ii) अचप
(iii) अचल
(iv) अटल

5. जो शब्द संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यों हिंदी भाषा में प्रयोग किए जाने लगे
(i) देशज
(ii) विदेशी
(iii) तत्सम
(iv) तद्भव

6. उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के भेद हैं
(i) तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी
(ii) रूढ़, यौगिक, योगरूढ़
(iii) एकार्थी, अनेकार्थी, विलोम, पर्यायवाची
(iv) विकारी, अविकारी

7. ‘तद्भव शब्दकिस आधार पर शब्द का भेद है
(i) अर्थ
(ii) प्रयोग
(iii) रचना
(iv) उत्पत्ति

8. ‘उज्ज्वलका सही तद्भव शब्द है
(i) उजियारा
(ii) उजला
(iii) उजागर
(iv) उजवलता

उत्तर-
1. (ii)
2. (i)
3. (ii)
4. (iii)
5. (i)
6. (iv)
7. (ii)
8. (i)

सभी प्रकार के नोट्स TOPPRS.IN पर FREE उपलब्ध है !

Post a Comment

0Comments

Either way the teacher or student will get the solution to the problem within 24 hours.

Post a Comment (0)
close