जो शब्द किसी कार्य के होने या करने अथवा किसी घटना के घटने, किसी व्यक्ति या वस्तु की स्थिति आदि का बोध कराते हैं, वे क्रिया कहलाते हैं; जैसे
1. नेहा पढ़ रही है।
2. ठंडी हवा चल रही है।
3. परदा हिल रहा है आदि।
क्रिया का अर्थ है- काम। जैसे
आना, जाना, खाना, पीना, पढ़ना, लिखना, बोलना, उठना, बैठना, रहना, चढ़ना, सुनना, गाना, नाचना आदि अनेक क्रियाएँ हैं। प्रत्येक क्रिया या तो होती है या उसे किया जाता है।
कर्ता – जो काम करता है, वह कर्ता कहलाता है।
जैसे- अंशु पढ़ रही है।
धातु – क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है।
जैसे-लिबँगा, लिखता, लिखा, लिखेगा। इन सभी क्रिया रूपों में लिख’ समान रूप से मिलता है। इस समान रूप से मिलने
वाले अंश को धातु कहते हैं। इसी प्रकार पढ़, आ, जल, चल, खा, गा आदि शब्द धातु है।
क्रिया के भेद – क्रिया के निम्न भेद हैं
1. प्रयोग के आधार पर।
2. रचना के आधार पर।
1. प्रयोग के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं
· अकर्मक क्रिया
· सकर्मक क्रिया
(i) अकर्मक क्रिया – जिन क्रियाओं के व्यापार का फल कर्ता पर पड़ता है, वे अकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं।
अधिकतर अकर्मक क्रियाओं में कर्म कारक नहीं होता पर अन्य कारक हो सकते हैं; जैसे
दादी जी कुरसी पर बैठी हैं।
(ii) सकर्मक क्रिया – ‘सकर्मक’ का शाब्दिक अर्थ है- कर्म के साथ।
जिन क्रियाओं के व्यापार का फल कर्म पर पड़ता है, वे सकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं।
वाक्य | कर्ता | कर्म | क्रिया |
‘धोबी’ कपड़ा धोता है। | धोबी | कपड़े | धोता है। |
सकर्मक क्रिया के भेद – सकर्मक क्रिया के दो भेद होते हैं
· एककर्मक क्रिया
· दविकर्मक क्रिया
(i) एककर्मक क्रिया – जिस क्रिया का केवल एक कर्म हो उसे एककर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-
· बच्चा फल खाता है।
· गाय पानी पीती है।
इन वाक्यों में क्रमशः ‘फल’ पानी में एक-एक कर्म आता है। अतः यहाँ एककर्मक क्रिया है।
(ii) दविकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में दो कर्म होते हैं, वह दविकर्मक क्रिया कहलाती है; जैसे- औरत पक्षियों को दाना डाल रही है।
2. रचना के आधार पर क्रिया के भेद – रचना के आधार पर क्रिया के छह भेद हैं
(i) सामान्य क्रिया – कुछ क्रियाएँ भाषा में रूढ़ शब्द के रूप में प्रचलित होती हैं। वे मूल क्रियाएँ होती हैं। ये धातु में ना जोड़कर बनती है।
जैसे- पढ़ना, लिखना, आना, पाना, जाना, उछलना आदि। जैसे-
· कोयल अब नाचेगी।
· माँ ने खाना खाया।
(ii) प्रेरणार्थक क्रियाएँ – जिस क्रिया शब्द से यह ज्ञात हो कि कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरों को कार्य करने की प्रेरणा देता है या किसी दूसरे से काम करवाता है तो उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं, जैसे- अध्यापिका ने बच्चों से निबंध लिखवाया।
(iii) संयुक्त क्रिया – जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ आपस में मिलकर एक पूर्ण क्रिया बनाती हैं तो वह संयुक्त क्रिया कहलाती
है; जैसे-
· वह पढ़ रहा है।
· कल मेहमान चले जाएँगे।
(iv) नामधातु क्रिया – संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के अंत में प्रत्यय (अंत में जुड़ने वाला शब्दांश) लगाकर जो क्रिया बनती है, उसे नामधातु क्रिया कहते हैं।
(v) पूर्वकालिक क्रिया – जिस क्रिया का पूरा होना दूसरी क्रिया के पूरा होने से पूर्व पाया जाए, उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं; जैसे-वह पढ़कर सोएगा।
(vi) अनुकरणात्मक क्रिया – कुछ क्रिया शब्द किसी ध्वनि के अनुकरण पर बनाए जाते हैं, उन्हें अनुकरणात्मक क्रियाएँ कहते हैं।
बहुविकल्पी प्रश्न
सही विकल्प चुनिए
1. किसी काम को करना या होना’ कहलाता है
(i) क्रिया
(ii) कर्ता
(iii) कर्म
(iv) इनमें से कोई नहीं
2. ‘काम’ करने वाले को कहते हैं
(i) कर्ता
(ii) कर्म
(iii) क्रिया
(iv) कार्य
3. क्रिया का मूल रूप कहलाता है
(i) कर्म
(ii) क्रिया
(iii) धातु
(iv) कर्ता
4. एकर्मक व विकर्मक क्रिया के भेद हैं
(i) सकर्मक
(ii) अकर्मक
(iii) प्रेरणार्थक क्रिया
(iv) इनमें से कोई नहीं
5. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद हैं
(i) दो
(ii) चार
(iii) छह
(iv) तीन
6. ‘शर्माना’ क्रिया है
(i) नाम धातु
(ii) संयुक्त
(iii) प्रेरणार्थक
(iv) पूर्वकालिक
7. क्रिया के मूल रूप को कहते हैं
(i) धातुरूप
(ii) शब्द रूप
(iii) अकर्मक क्रिया
(iv) सकर्मक क्रिया
8. जब कर्ता स्वयं काम न करके किसी और से करवाता है तो कहलाती है
(i) अकर्मक क्रिया
(ii) विकर्मक क्रिया
(iii) प्रेरणार्थक क्रिया
(iv) एककर्मक क्रिया
उत्तर-
1. (i)
2. (i)
3. (iii)
4. (i)
5. (i)
6. (i)
7. (i)
8. (iii)
Either way the teacher or student will get the solution to the problem within 24 hours.