संचार क्या है? (What is Communication?) – Communication (संचार) का अर्थ हैं सूचनाओ का आदान प्रदान करने से हैं | लेकिन ये सूचनाये तब तक उपयोगी नहीं हो सकती जब तक कि इन सूचनाओ का आदान प्रदान न हो| पहले सूचनाओ या सन्देश को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजने में काफी समय लगता था | किन्तु वर्तमान में संदेशों का आदान प्रदान बहुत ही आसान हो गया हैं और समय भी कम लगता है सेटेलाइट व टेलीविजन ने तो सारी दुनिया को एक नगर में बदल दिया हैं |
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में कुछ सार्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से विचारों या भावनाओं
का आदान-प्रदान करते हैं तो उसे संचार कहते हैं।
“Communication refers to the act by one or more persons of sending and receiving messages – distorted by noise-with some effect and some opportunity for feedback”
Use of Communication and IT (Information Technology):-
हमारे पास कम्युनिकेशन के सबसे प्रबल माध्यम में हमारी आवाज और भाषा है और इसके वाहक के रूप में पत्र, टेलीफोन, फैक्स, टेलीग्राम, मोबाइल तथा इन्टरनेट इत्यादि हैं | कम्युनिकेशन का उद्देश्य संदेशो तथा विचारो का आदान प्रदान है| सम्पूर्ण मानव सभ्यता इसी कम्युनिकेशन पर आधारित है तथा इस कम्युनिकेशन को तेज व सरल बनाने के लिए सूचना प्रोद्योगिकी का जन्म हुआ| कंप्यूटर, मोबाइल, इन्टरनेट सबका अविष्कार इसी कम्युनिकेशन के लिए हुआ | इन्टरनेट एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा हम पूरी दुनिया में कही भी व किसी भी समय कम से कम समय व कम से कम खर्च में सूचनाओ व विचारो का आदान प्रदान कर सकते हैं|
Communication Process (संचार प्रक्रिया)
कम्युनिकेशन का मुख्य उद्देश्य डाटा व सूचनाओ का आदान प्रदान करना होता है| डाटा कम्युनिकेशन से तात्पर्य दो समान या विभिन्न डिवाइसों के मध्य डाटा का आदान प्रदान से है अर्थात कम्युनिकेशन करने के लिए हमारे पास समान डिवाइस होना आवश्यक है | डाटा कम्युनिकेशन के प्रभाव को तीन मुख्य विशेषताओ द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है|
डिलीवरी (Delivery) – डिलीवरी से तात्पर्य डाटा को एक जगह से दुसरे जगह प्राप्त कराने से है|
शुद्धता (Accuracy) – यह डाटा की गुणवत्ता या डाटा के सही होने को दर्शाता है|
समयबधता (Timeliness) – यह गुण डाटा के निश्चय समय में डिलीवर होने को दर्शाता है|
संचार के घटक (Components of Communication)
- मैसेज (Message)
- प्रेषक (Sender)
- माध्यम (Medium)
- प्राप्तकर्ता (Receiver)
- प्रोटोकॉल (Protocol)
Message
मैसेज वह जानकारी है जो Sender और Receiver के बीच आदान-प्रदान की जाती है। पहला कार्य यह तय करना है कि आप क्या मैसेज भेजना चाहते हैं और आपके मैसेज की सामग्री क्या होगी; आपके मैसेज के मुख्य बिंदु और अन्य जानकारी शामिल करने के लिए क्या हैं। इसमें टेक्स्ट, नंबर्स, इमेज, साउंड, या वीडियो या कुछ भी हो सकते हैं।
Sender/Encoder
एनकोडर या सेन्डर वह व्यक्ति होता है जो मैसेज भेजता है। मौखिक कम्युनिकेशन में एन्कोडर स्पीकर होता है, और लिखित कम्युनिकेशन में एन्कोडर लेखक होता है। एक एन्कोडर रिसीवर द्वारा समझने योग्य प्रतीकों, शब्दों, ग्राफ और चित्रों का उपयोग करता है, ताकि वह अपनी बात को अच्चेई तरह से समझा सकें|
Medium
Medium वह चैनल है जिसके माध्यम से एन्कोडर अपने मैसेज को भेजता हैं मैसेज भेजने का माध्यम प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या ध्वनि हो सकता है। डाकिया के रूप में एक व्यक्ति हो सकता है Medium का कार्य Sender और Receiver को आपस में जोड़ना होता हैं|
ट्रांसमिशन माध्यम (Transmission Medium) वह माध्यम है जिसके माध्यम से हम डेटा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजते हैं, जिसेट्रांसमिशन या संचार मीडिया (Transmission Media) कहा जाता है।
Receiver/Decoder
जिस व्यक्ति को मैसेज भेजा जा रहा है उसे ‘रिसीवर’ / ‘डिकोडर’ कहा जाता है। रिसीवर वह व्यक्ति है जो Sender द्वारा भेजे गए मैसेज को रिसिव करता है। यह एक कंप्यूटर, वर्कस्टेशन, टेलिफोन हैंडसेट, टेलीविज़न भी हो सकता है।
Protocol
प्रोटोकॉल नियमों का एक ग्रुप है जो डेटा कम्युनिकेशन को कंट्रोल करता है। यह कम्युनिकेशन डिवाइसेस के बीच एक एग्रीमेंट को रिप्रेसेंट करता है। प्रोटोकॉल के बिना, दो डिवाइस कनेक्ट किए जा सकते हैं, लेकिन कम्युनिकेशन नहीं कर सकते, जैसे जापानी समझने वाले व्यक्ति को हिंदी भाषा समझ में नहीं आएगी।
Types of Communication (कम्युनिकेशन के प्रकार)
जिस प्रकार सड़क पर वन वे, टू वे होता है | ठीक उसी प्रकार कम्युनिकेशन चैनल के मोड होते हैं| कम्युनिकेशन चैनल तीन प्रकार के होते है सिम्पलेक्स (Simplex), अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex) और पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)|
सिम्पलेक्स (Simplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण सदैव एक ही दिशा में होता हैं| अर्थात हम अपनी सूचनाओ को केवल भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते सिम्पलेक्स कम्युनिकेशन कहलाता हैं |
उदाहरणार्थ- कीबोर्ड, कीबोर्ड से हम केवल सूचनाये भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते |
अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण दोनों दिशाओ में होता है लेकिन एक समय में एक ही दिशा में संचरण होता है| यह अवस्था वैकल्पिक द्वि-मार्गी (Two way alternative) भी कहलाती है| अर्थात् इस अवस्था में हम अपनी सूचनाओ को एक ही समय में या तो भेज सकते है या प्राप्त कर सकते है| उदाहरणार्थ- हार्डडिस्क (Hard disk), हार्डडिस्क से डाटा का आदान प्रदान अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex) अवस्था में होता है| जब हार्डडिस्क पर डाटा संगृहीत (Save) किया जाता है तो उस समय डाटा को हार्डडिस्क से पढ़ा नहीं जा सकता है और जब हार्डडिस्क से डाटा को पढ़ा जाता है तो उस समय हम डाटा को संगृहीत (Save) नहीं कर सकते |
पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण एक समय में दोनों दिशाओं में संभव होता है हम एक ही समय में दोनों दिशाओ में सूचनाओं का संचरण कर सकते है | अर्थात हम एक ही समय में सूचनाएं भेज भी सकते है और प्राप्त भी कर सकते है पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex) कहलाता हैं |
उदाहरणार्थ- Smart Phone
Either way the teacher or student will get the solution to the problem within 24 hours.