सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)

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 सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है? (What is System Software?)

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसे कंप्यूटर के हार्डवेयर और एप्लिकेशन प्रोग्राम को चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सिस्टम सॉफ़्टवेयर हार्डवेयर और यूजर एप्लीकेशन के बीच इंटरफ़ेस का कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) सिस्टम सॉफ्टवेयर का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में अन्य सभी प्रोग्राम्स को मैनेज करता है। अर्थात सिस्टम सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो हार्डवेयर (Hardware) को प्रबंध (Manage) एवं नियंत्रण (Control) करता है ताकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) अपना कार्य आसानी से पूरा कर सके | यह कम्यूटर सिस्टम का आवश्यक भाग होता है ऑपरेटिंग सिस्टम इसका स्पष्ट उदाहरण है |

“System Software वे है जो System को नियंत्रित और व्यवस्थित रखने का कार्य करते है”

यदि सिस्टम सॉफ्टवेयर को Non volatile storage जैसे इंटिग्रेटेड सर्किट (IC) में Store किया जाता है, तो इसे सामान्यत: फर्मवेयर का नाम दिया जाता है संक्षेप में सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का एक समूह है| सिस्टम सॉफ्टवेयर कई प्रकार के होते है जैसे-

Operating System

Compiler

Interpreter

Assembler

Firmware

Linker

Loader

Debugger etc.

1. Operating System

Operating System एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जिसे कंप्यूटर को चालू करने के बाद लोड किया जाता है| अर्थात यह कंप्यूटर को बूट करने के लिए आवश्यक प्रोग्राम है| यह कंप्यूटर को बूट करने के अलावा दूसरे Application software और utility software के लिए आवश्यक होता है


ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Function of Operating system)

Process Management

Memory Management

Disk and File System

Networking

Security Management

Device Drivers

2. Compiler

Compiler executable file बनाने के लिए Source Code को Machine code में translate करता है| ये code executable file के object code कहलाते है| Programmer इस executable object file को किसी दूसरे computer पर copy करने के पश्चात् execute कर सकते हैं| दूसरे शब्दों में Program एक बार Compile हो जाने के बाद स्वतंत्र रूप से executable file बन जाता है जिसको execute होने के लिए compiler की आवश्यकता नहीं होती है| प्रत्येक Programming language को Compiler की आवश्यकता होती हैं|


Compiler, Source code को Machine code में बदलने का कार्य करता है इसकी कार्य करने की गति (Speed) अधिक होती है और यह Memory में अधिक स्थान घेरता है क्योकि यह एक बार में पूरे प्रोग्राम को Read करता है और यदि कोई Error होती है तो error massage Show करता है|


कम्पाइलर और इन्टरप्रटर में अंतर

3. Interpreter

Interpreter एक प्रोग्राम होता हैं जो High level language में लिखे Program को Machine Language में बदलने का कार्य करता है Interpreter एक–एक Instruction को बारी-बारी से machine language को Translate करता है |यह High level language के Program के सभी instruction को एक साथ machine language में translate नहीं करता है|


Interpreter Memory में कम स्थान घेरता है क्योकि यह प्रोग्राम की हर लाइन को बारी-बारी से Check करता है और यदि किसी Line में कोई error होती है तो यह तात्काल Error Massage Show करता है और जब तक उस गलती को सुधार नहीं दिया जाता तब तक यह आगे बढने नहीं देता |


4. Assembler

Assembler एक प्रोग्राम है जो Assembly language को machine language में translate करता है| इसके अलावा यह high level language को Machine language में translate करता है यह निमोनिक कोड (mnemonic code) जैसे- ADD, NOV, SUB आदि को Binary code में बदलता है|


5. Firmware

फ़र्मवेयर एक स्थायी सॉफ़्टवेयर है जिसे रीड-ओनली मेमोरी में एम्बेड किया जाता है। यह एक हार्डवेयर डिवाइस पर स्थायी रूप से स्टोर निर्देशों का एक सेट होता है। यह अन्य हार्डवेयर के साथ डिवाइस को कैसे इंटरैक्ट करेंगा, इसके बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करता है। फ़र्मवेयर को semi-permanent के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह तब तक स्थायी रहता है जब तक कि इसे फर्मवेयर अपडेटर का उपयोग करके अपडेट नहीं किया जाता है। फर्मवेयर के कुछ उदाहरण हैं:


BIOS

Computer Peripherals

Consumer Applications

Embedded Systems

UEFI

6. Linker

लिंकर एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो कम्पाइलर द्वारा उत्पन्न एक या एक से अधिक ऑब्जेक्ट फ़ाइलों को लेता है और उन्हें एक्सीक्यूट प्रोग्राम में जोड़ता है।


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