राजस्थान का भौगोलिक विभाजन

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 राजस्थान के भौगोलिक प्रभाग

राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य, विविध भौगोलिक विशेषताओं की विशेषता है, और इसे मोटे तौर पर विभिन्न भौतिक प्रभागों में विभाजित किया जा सकता है। यहां राजस्थान के भौगोलिक प्रभागों का अवलोकन दिया गया है:

अरावली रेंज:

विश्व स्तर पर सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक, अरावली रेंज, राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में फैली हुई है। यह क्षेत्र की स्थलाकृति और जलवायु को प्रभावित करता है।

थार रेगिस्तान:

उत्तर-पश्चिमी राजस्थान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थार रेगिस्तान से घिरा हुआ है, जिसे महान भारतीय रेगिस्तान भी कहा जाता है। इसकी विशेषता रेत के टीले और शुष्क परिदृश्य हैं।

पूर्वी मैदान:

राजस्थान के पूर्वी भाग में उपजाऊ मैदान हैं, जो चंबल, बनास और सवाई माधोपुर जैसी नदियों से होकर गुजरते हैं। ये मैदान कृषि गतिविधियों का समर्थन करते हैं।

पश्चिमी रेतीले मैदान:

पश्चिमी क्षेत्र, विशेष रूप से जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में रेतीले मैदान और विशाल थार रेगिस्तान का प्रभुत्व है।

मेवाड़ पठार:

उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और डूंगरपुर सहित राजस्थान का दक्षिणी भाग मेवाड़ पठार द्वारा चिह्नित है। यह अपने पहाड़ी इलाके के लिए जाना जाता है।

हाडोती पठार:

कोटा, बूंदी और बारां सहित दक्षिणपूर्वी क्षेत्र की विशेषता हाडोती पठार है, जो पहाड़ियों और घाटियों से चिह्नित है।

मालवा पठार:

राजस्थान का उत्तर-पश्चिमी भाग, जोधपुर और नागौर के आसपास, मालवा पठार से प्रभावित है, जो अपने चट्टानी इलाके के लिए जाना जाता है।

बनास बेसिन:

बनास नदी बेसिन, अजमेर और जयपुर के कुछ हिस्सों को शामिल करते हुए, इन क्षेत्रों में उपजाऊ मैदानों में योगदान देता है।

ये भौगोलिक विभाजन राजस्थान के विभिन्न भागों की जलवायु, वनस्पति और आर्थिक गतिविधियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। राज्य के विविध परिदृश्य इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और पारिस्थितिक विरासत में योगदान करते हैं।

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